पेड मीडिया/यूट्यूबर चाहे जो दावा/प्रतिदावा/सर्वे परोसें, लेकिन भिवंडी पश्चिम में अभी भी भाजपा नंबर वन, मुख्य लड़ाई चौगुले, पाटिल और चोरघे के बीच होगी, मुस्लिम मतदाताओं में कंफ्यूजन बरकरार 


केडीके न्यूज़ नेटवर्क 

भिवंडी पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में पेड ख़बरों, यूट्यूब वीडियोज के द्वारा अपने-अपने पक्ष में चाहे जितनी भी हवा बनाई अथवा बनवाई जाए। लेकिन भिवंडी पश्चिम की जमीनी हकीकत यह है कि यहां अभी भी भाजपा के महेश चौगुले प्रथम स्थान पर स्थिर दिखाई दे रहे हैं। हफ्ते भर पहले तक ‘अननोन’ और निर्जीव पड़ी कांग्रेस का ग्राफ भी जहां शनैः शनैः दिनों दिन बढ़त की ओर जा रहा है। वहीं निर्दलीय विलास पाटील भी मतदाताओं के बीच तेजी से घुसपैठ करते नजर आ रहे हैं। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि भिवंडी पश्चिम विधान सभा क्षेत्र में मुख्य लड़ाई भाजपा के महेश चौगुले, निर्दलीय विलास पाटील और कांग्रेस के दयानंद चोरघे के इर्द-गिर्द ही मड़राती दिख रही है। 

       मालूम हो कि यहां कुल 3,33,856 मतों में मुस्लिम समुदाय के लगभग 54 फ़ीसदी यानी कुल लगभग 1 लाख 80 हजार वोट हैं। यदि 50 फ़ीसदी मतदान होता है तो लगभग 90 हजार वोट मुस्लिम समुदाय के पोल होंगे। जिसमें कम से कम 5 हजार प्लस वोट भाजपा के चौगुले को जाएगा ही जाएगा और बाकी के 85 हजार मतों में से कम ज्यादा मत कांग्रेस, विलास, एमआईएम और सपा के पक्ष में जाएंगे। जिसमें सबसे ज्यादा हिस्सेदारी फिलहाल विलास और कांग्रेस की बताई जाती है। हालांकि 17 नवंबर के बाद इन मतों में कांग्रेस और एमआईएम की भागीदारी बढ़ने के आसार दिख हैं। जबकि इन्हीं मतों को अपने पक्ष में करने के लिए विलास पाटील भी जी तोड़ अथवा कमर तोड़ प्रयास कर रहे हैं। इसी तरह दूसरी ओर लगभग 46 फ़ीसदी यानी लगभग 1 लाख 54 हजार हिंदू मतदाता हैं और अगर 50 फ़ीसदी मतदान होता है तो हिंदू मतदाताओं का मतदान लगभग 77 हजार होगा। जिसका एक बड़ा चंक भाजपा के पक्ष में मतदान करेगा और इसमें अधिक मात्रा में बंटवारा की संभावना भी क्षीण ही दिखती है। 

       सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि मुस्लिम मतदाताओं के भी 5 हज़ार से भी अधिक मत भाजपा के चौगुले को मिलेंगे ही मिलेंगे। यदि हम भिवंडी पश्चिम के विधानसभा क्षेत्र के विगत चुनावी इतिहास पर नजर डालें तो नई विधानसभा गठन के बाद 2009 में हिंदू मतों के सहारे साईंनाथ पवार ने 29,134 मत प्राप्त किए थे। जो यहां के विजई मुस्लिम उम्मीदवार रशीद ताहिर मोमिन से मात्र 1,691 वोट ही कम थे। उसके बाद इस विधानसभा क्षेत्र में लगातार हिंदू मतों की संख्या का ग्राफ चढ़ता ही गया है। जिसके फलस्वरूप 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के महेश चौगुले को 42,483 मत मिले थे। जो 2019 के चुनाव में बढ़कर 58,857 हो गए। इस तरह यहां हिंदू मतों में भाजपा का ग्राफ लगातार उठान पर रहा है। यहां उल्लेखनीय बात यह है कि चौगुले बड़ी चालाकी से हमेशा मुस्लिम मतों का ध्रुवीकरण करने में सफल रहे हैं और इस बार भी यह मुस्लिम मतों में ध्रुवीकरण कराने में कामयाब बताए जाते हैं। क्योंकि जानकारों का मानना है कि मुस्लिम मतों के ध्रुव्रीकरण के लिए इस बार भी इन्होंने कई मुस्लिम उम्मीदवारों को खाद पानी देकर मैदान में उतारा है। ताकि इनका चुनावी मैदान साफ रहे। 


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