मुनीर अहमद मोमिन
महाराष्ट्र के नागपुर से एक बहुत ही सनसनीखेज मामला सामने आया है। जहां एक मनोवैज्ञानिक द्वारा पिछले 15 सालों से 50 से अधिक नाबालिग लड़कियों को ब्लैकमेल कर उनका यौन शोषण किया जा रहा था। आरोपी 47 वर्षीय राजेश ढोके नामक मनोवैज्ञानिक 2 बच्चियों का बाप है। जो बच्चों को आवासीय मनोवैज्ञानिक परामर्श उपलब्ध कराता था और ग्रामीण इलाके जैसे भंडारा ,गोंदिया जिले से आने वाले बच्चों को सेशन देता था। इसी ‘काउंसलिंग कैंप’ के नाम पर वह बच्चों और बच्चियों को बाहर लेकर जाता था और गरीब बच्चियों के साथ रेप करता था। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब आरोपी ने एक महिला को ब्लैकमेल करते हुए उसे बार-बार मिलने बुला रहा था जिससे महिला तंग आकर पुलिस के पास पहुंच गई। पुलिस ने आरोपी राजेश पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत अलग-अलग 3 मामले दर्ज किये हैं।
उल्लेखनीय है कि मनोवैज्ञानिक का काम होता है काउंसलिंग करना और सही दिशा दिखाना। लेकिन ऐसे मनोवैज्ञानिक द्वारा बच्चों को सही दिशा दिखाना तो छोड़िए, बल्कि 50 से अधिक बच्चियों का जीवन ही बर्बाद कर दिया। इसमें कई ऐसी बच्चियां भी शामिल हैं जिनका इस मनोवैज्ञानिक ने नाबालिग रहते हुए दुष्कर्म किया और बाद में वह उनकी शादी होने के बाद भी उनकी फोटो दिखाकर ब्लैकमेल कर उनके साथ दुष्कर्म करता रहा। आरोपी के कारनामे यहीं तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उसने अपने इलाके में कई महिलाओ के साथ भी छेड़छाड़ कर चुका है जिसका सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है और पुलिस ने इसे लेकर FIR भी दर्ज की है। बताया जाता है कि इसकी इन्हीं हरकतों की वजह से इसे बीच सड़क कई बार पीटा भी गया है। बावजूद इसके राजेश ढोके ने अपनी हरकतें नहीं छोड़ी। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने एक विशेष समिति का भी गठन करके पीड़ित बच्चियों और महिलाओं से अपील भी किया है कि वे आरोपी राजेश ढोके के खिलाफ अपनी शिकायत दर्ज करवाए, क्योंकि पुलिस का भी मानना है कि आरोपी ने काउंसलिंग कैंप के नाम पर 15 साल तक कई महिलाओं और बच्चियों को अपना शिकार बनाया होगा।
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